इंटरव्यू में पूछा गया था A Wednesday फिल्म पर सवाल, ये जवाब दे बने IPS
यहां के एसपी वाईएस रमेश 2010 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। कॉमर्स से अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट करने वाले रमेश के लिए यह कामयाबी इतनी आसान भी नहीं रही। ये लगातार दो बार इंटरव्यू में फेल हुए। तीसरी बार बाला गुरु स्वामी के बोर्ड में 45 मिनट तक चले इंटरव्यू में इन्हें 188 मार्क्स मिले। इंटरव्यू हॉल में घुसते ही इनके चेयर पर शुगर फ्री टेबलेट की डिब्बी फेंक दी गई थी। इन्होंने उन सवालों को बताया जिनके जवाब देकर ये आईपीएस बने।
- रमेश बताते हैं कि जैसे ही उन्होंने इंटरव्यू हॉल में इन किया, उनकी कुर्सी पर एक शुगर फ्री टेबलेट की डिब्बी फेंक दी गई थी।
- इसके बाद रमेश ने उस डिब्बी को उठाया और बेहद शालीनता के साथ बोर्ड मेंबर्स को इसके बारे में बताया। रमेश ने कहा, 'एक डब्बी मेरी कुर्सी पर थी, जिसे उठाकर मैंने टेबल पर रख दिया है।'
डीसी-एसपी को देखकर आईपीएस बनने की हुई तमन्ना
- कर्नाटक के रहने वाले रमेश के पिता एक कपड़ा व्यवसायी हैं। इन्होंने अपनी स्टडी कॉमर्स से ही की है और कर्नाटक सरकार में एक टेक्सटाइल इंस्पेक्टर के रूप में काम भी कर चुके हैं।
- जिले के डीसी और एसपी की कार्यशैली और उनके लाइफस्टाइल ने इन्हें सिविल सर्विस ज्वाइन करने के लिए प्रेरित किया।
गरीबों की सेवा करना उद्देश्य
-रमेश ने बताया कि इनकी जिंदगी का मकसद गरीबों की सेवा करना है। एक टेक्सटाइल इंस्पेक्टर के रूप में वे ये काम कर भी रहे थे, लेकिन उसका दायरा बेहद छोटा था। एक आईपीएस के रूप में यह दायरा बड़ा हुआ।
बोकारो में सीखा बड़ी घटनाओं को हैंडल कैसे किया जाता है
- वाईएस रमेश अभी तक चार जिलों के एसपी और रांची के ट्रैफिक एसपी रह चुके हैं। लेकिन बोकारो को वे अपने करियर में सबसे अहम मानते हैं।
- वे बताते हैं कि यहां उन्हें यह सीखने को मिला कि बड़ी घटनाओं में डिसिजंस कैसे लिए जाते हैं। सोसाइटी के सभी सेक्शन के लिए पुलिस को कैसे काम करना होता है।
- वे बताते हैं कि 2016 के दंगे के बाद उन्हें यह आइडिया मिल गया कि कम्यूनल राइट्स को कैसे हैंडल किया जना होता है।
काम के बाद फैमिली से प्यार
- रमेश बताते हैं कि काम के बाद उनके लिए सबसे इंपोर्टेंट उनकी फैमिली है। रमेश की शादी 2010 में प्रीति रमेश के साथ हुई है। उन्हें संबित और तनुष दो बेटे हैं। क्रिकेट खेलना और पढना भी उन्हें काफी पसंद है।
स्टूडेंट्स को SP के टिप्स, खुद पर करो भरोसा
- सिविल सेवा की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को एसपी ने कहा कि खुद पर भरोसा करना सीखें। कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं होता।
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