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एक शरीर दो प्राण: दोनों की पसंद जुदा, एक को ठंड लगती है तो दूसरे को गर्मी

दिल्ली के सुचेता कृपलानी अस्पताल में 13 जून 2003 को आपस में जुड़े दो बच्चों का जन्म हुआ था। डॉक्टर्स ने कहा था कि इन्हें अलग नहीं किया जा सकता है। इनका बचना मुश्किल है, लेकिन ऐसी सभी आशंकाओं को झूठा साबित करते हुए ये दोनों बच्चे अगले महीने अपना 15वां जन्मदिन मनाने वाले हैं। दोनों बच्चों का बदन एक है। दो चेहरे, चार हाथ सामान्य बच्चों की तरह ही चलते हैं, लेकिन दो टांगें दो अलग-अलग दिमागों से निर्देशित होती हैं। कहा था संस्था काे सौंप देने को...
- सोहणा-मोहणा का जब जन्म हुआ था तो माता-पिता कामिनी और सुरजीत कुमार ने अस्पताल से इन्हें किसी ऐसी संस्था को देने को कहा, जो इनकी बेहतर देखभाल कर सके।
- इसकी जानकारी जब बेसहारा और बीमारों की सेवा में जुटी संस्था "पिंगलवाड़ा' को लगी तो उन्होंने इन बच्चों की जिम्मेदारी ली। अब ये बच्चे दिल्ली की भीड़भाड़ से दूर अमृतसर शहर से बाहर ट्रस्ट के शांत और हरियाली वाले परिसर में रह रहे हैं।
- पिंगलवाड़ा की अध्यक्ष डॉ. इंदरजीत कौर कहती हैं, "हमें सोहणा-मोहणा की परवरिश को लेकर कोई परेशानी नहीं आई। वे दूसरे बच्चों के साथ घुल-मिलकर रहते हैं, इसलिए हमेशा खुश और मस्ती में रहते हैं। अगर उन्हें अकेला रखा जाता तो शायद परिणाम सुखद नहीं रहते।'
एक टीचर बनना चाहता है तो दूसरा डॉक्टर
- सोहणा-मोहणा पिंगलवाड़ा ट्रस्ट के स्कूल में इस वक्त आठवीं क्लास में पढ़ रहे हैं और हॉस्टल में दूसरे बच्चों के साथ रहते हैं।
- अध्यक्ष बताती हैं कि सोहणा पढ़ाई में मोहणा से तेज है, मगर दोनों का नर्वस सिस्टम अलग-अलग है। जब कभी सोहणा ठंड महसूस करता है तो मोहणा को गर्मी लगती है। कभी एक को बुखार चढ़ता है तो कभी दूसरे को।
- डॉ. इंद्रजीत कौर को इस बात की फिक्र है कि उम्र बढ़ने के साथ वे जीवन की सच्चाई को थोड़ा-थोड़ा समझने लगे हैं। उन्होंने एक बार उन्हें ईश्वर से गिला करते सुना था कि हे भगवान, हमें इस तरह क्यों बनाया।
- दोनों की पसंद भी जुदा हैं। सोहणा शिक्षक बनना चाहता है और मोहणा डॉक्टर। सोहणा को खेलना पसंद है, जबकि मोहणा आराम पसंद है, लेकिन दोनों समझदार हैं, जिद नहीं करते और आसानी से बात को मान लेते हैं।
क्या अलग है तो क्या कॉमन है दोनों में
- दोनों बच्चों का बदन एक है, पर दो सिर और दो चेहरे हैं। इनके चार हाथ सामान्य बच्चों की तरह ही चलते हैं, लेकिन दो टांगें दो अलग-अलग दिमागों से निर्देशित होती हैं। इनके सिर, छाती, दिल, फेफड़े और रीढ़ अलग-अलग हैं, लेकिन किडनी,लीवर और ब्लैडर सहित शरीर के दूसरे अंग एक-एक ही है। आज के अति आधुनिक युग में भी सोहणा-मोहणा डॉक्टरों के लिए चुनौती बने हुए हैं। इन्हें अलग नहीं किया जा सकता।
- न्यूरो सर्जन डॉ. मुकुल वर्मा का मानना है कि दो लाख बच्चों के जन्म के बाद आपस में जुड़ा एक बच्चा पैदा होता है। ऐसे आधे से ज्यादा बच्चे जन्म के चौबीस घंटों के बीच दम तोड़ देते हैं।

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