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रैनसमवेयर ATMs को निशाना बना सकता है; RBI ने भी बैंकों को किया अलर्ट

कम्प्यूटर लॉक कर फिरौती मांगने वाला रैनसमवेयर 'वानाक्राई' दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में पहुंच चुका है। इस बीच, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार को बैंकों को अलर्ट जारी कर कहा कि वे एटीएम का साफ्टवेटर अपडेट रखें, क्योंकि रैनसमवेयर ने दुनिया भर में पेमेंट सिस्टम पर हमला किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में ज्यादातर ATMs माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के पुराने वर्जन पर चल रहे हैं और ऐसे साइबर हमलों के लिए बेहद असुरक्षित हैं। देश में कुल 2.2 लाख एटीएम हैं और अधिकतर में पुराने वर्जन विंडोज XP का इस्तेमाल हो जा रहा है। 70% एटीएम में आउटडेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल...

- आरबीआई ने बैंकों से गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन CERT-In (इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम) के इंस्ट्रक्शन फॉलो करने को कहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में करीब 70% एटीएम में आउटडेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा है। इसलिए इन्हें निशाना बनाना ज्यादा आसान है। विंडोज XP रैनसमवेयर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। भारत में 70% एटीएम में यही है। हालांकि अटैक के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने एक्सपी की सुरक्षा के पैच भी जारी किए हैं।
- रैनसमवेयर वायरस एटीएम को मेंटेनेंस मोड में ले जाता है और नोटों को बाहर करने पर मजबूर कर देता है। दुनिया की सबसे बड़ी एटीएम मेकर एनसीआर कॉर्प ने एक महीने पहले ही भारतीय बैंकों को इस खतरनाक वायरस के बारे में चेतावनी दी थी।
- महाराष्ट्र में पुलिस विभाग के साथ-साथ दूसरे इंस्टीट्यूट्स के कुछ कम्प्यूटरों में भी रैनसमवेयर अटैक की सूचना है। केरल के वायनाड़ में पंचायत दफ्तर के 4 कम्प्यूटर्स और वेस्ट बंगाल के वेस्ट मिदनापुर में भी 4 जगहों पर स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के कम्प्यूटर्स में इस वायरस के अटैक की खबर है।
- केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साइबर अटैक पर कहा कि भारत पर कोई विशेष असर नहीं पड़ा है। कुछ मामले हैं, उनकी पड़ताल कर रहे हैं। बाकी निगरानी चल रही है।
पहले वर्जन का तोड़ मिला नहीं, अब दूसरे हमले का भी खतरा
- यूरोपियन यूनियन की पुलिस यूरोपोल के मुताबिक 2.27 लाख से ज्यादा कम्प्यूटर्स लॉक हो चुके हैं। एक्सपर्ट्स अभी तक पहले वर्जन का तोड़ नहीं ढूंढ पाए हैं और अब दूसरे हमले की भी आशंका जताई गई है। ब्रिटेन के सिक्यूरिटी रिसर्चर 'मैलवेयर टेक' ने कहा है, "दूसरा हमला हो सकता है। कोई दूसरा वर्जन आ सकता है, जिसे हम नहीं रोक पाएंगे।" मैलवेयर टेक ने ही पहले हमले की स्पीड कम करने में मदद की थी। यूरोपोल के मुताबिक भले ही दुनियाभर के 2 लाख कम्प्यूटर लॉक्ड हैं, पर अभी फिरौती देने वालों की संख्या बहुत कम है।
आरबीआई और एनपीसीआई अलर्ट
- इंडियन गवर्नमेंट ने आरबीआई, स्टॉक मार्केट और एनपीसीआई को अलर्ट कर दिया है। सरकार की साइबर सिक्युरिटी आर्म ने इस संबंध में इन एजेंसियों को ‘डूज एंड डोंट्स’ जारी किए हैं और डाटा लीक जैसी कोई घटना रोकने के लिए पूरे उपाय करने की हिदायत दी है।
- CERT-In ने रेड कलर्ड यानी सबसे गंभीर अलर्ट जारी किया है। डिफेंस, बिजली, टेलीकॉम, एयरपोर्ट, बैंकिंग, स्टॉक मार्केट, स्कूल सहित बुनियादी सुविधाओं से जुड़े इंस्टीट्यूट्स पर अटैक का खतरा है। एक भी कम्प्यूटर पर वायरस अटैक हुआ तो पूरा लोकल एरिया नेटवर्क उसके कब्जे में आ जाएगा।
- ऑफिशियल सोर्सेस के मुताबिक, "गवर्नमेंट ने हालात से निपटने के इंतजाम किए हैं। CERT-In ने लोगों से फिरौती नहीं देने को कहा है। हालांकि साइबर अटैक का कोई बड़ा मामला अब तक इसके सामने नहीं आया है।"
दफ्तर पहुंचकर पहला काम यह करें
- चेक करें कि कम्प्यूटर में एंटी वायरस और विंडोज के पैच अपडेट हों। ई-मेल में संदिग्ध लिंक दिखे तो क्लिक न करें। न ही ऐसी अटैचमेंट खोलें या डाउनलोड करें। पैन ड्राइव स्कैन करके ही यूज करें।
वायरस अटैक हो गया है तो यह करें
- अगर वायरस रन होना शुरू हो जाए तो सबसे पहले नेटवर्क केबल हटा दें, ताकि ऑफिस के दूसरे कम्प्यूटर संक्रमित न हों। कम्प्यूटर को तुरंत शट डाउन करें।
ऐसे रहें अलर्ट...
> संदिग्ध या फिशिंग ईमेल न खोलें
- अजनबियों से मिले ई-मेल न खोलें। जंक ई-मेल बिना खोले डिलीट कर दें। कम्प्रैस्ड या एमएस वर्ड फाइल सावधानी से खोलें। संदिग्ध फाइल न ही खोलें। ऐसी वेबसाइटों से भी बचें।
> बैकअप लेते रहें
- रेगुलर डेटा बैकअप ले रहे हैं तो रैन्समवेयर से प्रभावित फाइल भी रिकवर कर सकते हैं।
> लॉक होने पर भी फिरौती न दें
- अगर कम्प्यूटर लॉक हो गया है तो भी हैकर को फिरौती न दें। कोई गारंटी नहीं कि रैनसमवेयर भेजने वाला आपको एन्क्रिप्शन खत्म करने के लिए की भेज देगा। हां, अपराधी यह जरूर समझ जाएंगे कि आप आसान शिकार हैं। वे फ्यूचर में भी आपसे वसूली की कोशिश कर सकते हैं।
> फाइल नेम एक्सटेंशन न छिपाएं
- रैनसमवेयर वायरस अक्सर फाइल की एक्सटेंशन बदल देते हैं। यह हमें अपने सिस्टम में नहीं दिखाई देते। फाइल नेम एक्सटेंशन ऑप्शन शो करके रखें तो आसानी से संदिग्ध फाइलों को पहचान सकते हैं।
साइबर हमले का ये हुआ असर
- 12 अप्रैल को किए गए हमले में सैकड़ों देशों के कम्‍प्‍यूटर्स ने काम करना बंद कर दिया। यह खास तरह का रैनसमवेयर साइबर अटैक है, जिसने बिटकॉइन में फिरौती की मांग की है। इसके चलते ब्रिटेन समेत कई देशों की हेल्थ सर्विसेज बुरी तरह से चरमरा गईं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला दुनिया भर के इम्पॉर्टेंट ऑर्गनाइजेशंस पर हुआ।
- यूरोपोल की रिपोर्ट के मुताबिक साइबर अटैक का असर 150 से ज्यादा देशों तक पहुंच गया है और इसने 2 लाख से ज्यादा कम्प्यूटर्स पर असर किया है।
ये देश भी अटैक की चपेट में, सबसे ज्‍यादा रूस प्रभावित
- रिपोर्ट के मुताबिक जिन अन्‍य देशों में यह खास साइबर हमला हुआ उसमें ब्रिटेन के अलावा अमेरिका, चीन, रूस, स्पेन, इटली, वियतनाम और कई अन्य देश भी शामिल हैं। इन सभी देशो में रैनसमवेयर ने एक साथ हमला किया। न्यूज एजेंसियों के मुताबिक इस अटैक की चपेट में सबसे ज्‍यादा रूस के कम्‍प्‍यूटर आए हैं।
- रूस की होम मिनिस्ट्री ने भी इस हमले को कन्फर्म किया है। ब्रिटेन के अलावा स्‍पेन में काम करने वाली बुहत सी कंपनियां इस साइबर अटैक की चपेट में आई हैं।

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